मध्य प्रदेश के नेशनल पार्क | national park madhya pradesh

मध्य प्रदेश के नेशनल पार्क | नेशनल पार्क की परिभाषा, बांधवगढ़, फॉसिल, पेंच, कान्हा, माधव, पन्ना, संजय , सतपुड़ा, वन विहार , कुनो नेशनल पार्क

       मध्य प्रदेश प्राकृतिक और जैव विविधता की दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है । वन स्थिति रिपोर्ट 2021 के अनुसार यहां कुल 77,493 वर्ग किमी क्षेत्रफल पर वनावरण है जो कि सभी राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है । यही कारण है कि यहाँ पर वनस्पति और वन्य जीवों की भी प्रचुता पाई जाती है । मध्य प्रदेश में 10 नेशनल पार्क ( national park madhya pradesh) , 6 टाईगर रिजर्व और 25 वन्य जीव अभ्यारण्य हैं । सबसे हाल में बना नेशनल पार्क कुनो नेशनल पार्क है ।

नेशनल पार्क की परिभाषा 

वैसे पारिस्थितिकी क्षेत्र जो जीवजंतुओं, वनस्पतियों, भू आकृतिक एवं जलीय महत्व के हैं और जिनका संरक्षण किया जाना अत्यंत आवश्यक है, उन्हें वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया जा सकता है । यह अधिनियम राज्यों को यह शक्ति देता है कि वे किसी समृद्ध जैव विविधता वाले प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को राष्ट्रीय ( नेशनल पार्क ) घोषित कर सकते हैं ।

नेशनल पार्क एक संरक्षित क्षेत्र होता है जिसकी स्थापना वन्य जीवन के सुरक्षा और संरक्षण के दृष्टिकोण से की जाती है । ऐसे क्षेत्रों को नेशनल पार्क घोषित किया जाता है जो पारिस्थितिकी और प्राकृतिक रूप से व्यापक महत्व के होते हैं ।

  • राष्ट्रीय पार्क वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत घोषित किए जाते हैं ।
  • यह IUCN के category 2 के तहत संरक्षित क्षेत्र होते हैं ।

कार्बेट नेशनल पार्क, भारत का प्रथम नेशनल पार्क है जिसे 1936 में स्थापित किया गया था । भारत में वर्तमान में 104 नेशनल पार्क हैं ।

national park madhya pradesh

मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय पार्क | national park madhya pradesh

1. बांधवगढ़ नेशनल पार्क ।

यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है इसकी स्थापना 1968 में राष्ट्रीय पार्क के रूप में की गई तथा इसे 1993 में टाइगर रिजर्व भी घोषित किया गया । यह राष्ट्रीय उद्यान 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है।यहां पर बांधवगढ़ नाम की पहाड़ी है जिस पर बांधवगढ़ का किला बना हुआ है । बांधवगढ़ को सफेद बाघके लिए भी जाना जाता है।

यहां पर चरणगंगा वन्यजीव अभयारण्य स्थित है ।

वन्य जीव- बाघ तेंदुआ जंगली कुत्ता हिरण आदि पाए जाते हैं

बहने वाली नदी- चरणगंगा ।

2. फॉसिल नेशनल पार्क | Fossil NP

यह राष्ट्रीय उद्यान सतपुड़ा के निकट मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित है । यह स्थल 1970 में डॉ धर्मेंद्र प्रसाद जो कि मंडला जिले के सांख्यिकी अधिकारी थे के द्वारा खोजा गया । इसे 1983 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया । यहां पर सेल फॉसिल (जीवाश्म) प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जिनमें से कुछ तो लगभग 65 मिलियन वर्ष पुराने हैं, इनमें पाम (ताड़) फॉसिल सबसे प्रमुख है।

वन्यजीव- बाघ तेंदुआ जंगली कुत्ता गौर चिंकारा आदि प्रमुख वन्य जीव प्रजातियां पाई जाती है ।

बहने वाली नदी- नर्मदा

3. इंदिरा प्रियदर्शनी (पेंच ) नेशनल पार्क

पेंच नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के शिओनी (sioni) और छिंदवाड़ा जिले में स्थित है । इसे 1975 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित किया गया था यहां पर पेंच नदी बहती है, इसी के नाम पर स्थापित पेंच टाइगर रिजर्व (जिसे 1975 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बनाया गया ) भी यहां स्थित है।

वन्य जीव– बंगाल टाइगर, चीतल, सांभर, नीलगाय, लोमड़ी, तेंदुआ, स्लॉथबियर, भेड़िया, जंगली कुत्ता, जंगली बिल्ली, हायना, गौर, बारहसिंघा, बार्किंग डीयर ।

बहने वाली नदी– पेंच नदी

4. कान्हा नेशनल पार्क

यह नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के मांडला और बालाघाट जिलों में स्थित है । कान्हा टाइगर रिजर्व भी इसका भाग है ।  जो कि दो अभयारण्यों हेलोन और बंजार (Hallon and the Banjar) से मिलकर बना हुआ है । इस संरक्षित क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 1949 वर्ग किलोमीटर है । यह दो जनजातियों गोंड और बैगा का निवास स्थल है । इस नेशनल पार्क के आसपास के क्षेत्र में यही जनजातियां निवास करती हैं । इस नेशनल पार्क का निर्माण 1955 में किया गया, तथा 1973 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया ।

वन्य जीव- बंगाल टाइगर तेंदुआ स्लॉथबियरबारहसिंघा जंगली कुत्ता ढोल।

जनजातियां- गोंड और बैगा

बहने वाली नदी- पेंच, कान्हा

विशेष – यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है

5. माधव नेशनल पार्क

माधव नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के ग्वालियर डिविजन के शिवपुरी जिले में स्थित है । इसकी सर्वप्रथम पहचान 1956 में शिवपुरी नेशनल पार्क के रूप में  की गई थी ।1958 में इसका नाम ग्वालियर के महाराजा माधवराव सिंधिया के नाम पर माधव नेशनल पार्क कर दिया गया । यह नेशनल पार्क भिंड पहाड़ियों का एक हिस्सा है । यह प्राचीन काल से ग्वालियर के मुगल सम्राट और महाराजाओं का शिकारगाह रहा । 1958 में इसे नेशनल पार्क का दर्जा प्राप्त हुआ ।

वन्य जीव- चिंकारा ब्लैकबक तेंदुआ भेड़िया सियार लोमड़ी जंगली कुत्ता जंगली सूअर अजगर नीलगाय  चीतल सांभर भारतीय हिरण ।

प्रवासी पक्षी- पोचर्ड, पिंटेल और गील

बहने वाली नदी- मानीर नदी (जिस पर साक्य सागर और माधव सागर झील बनाई गई हैं)

6. पन्ना नेशनल पार्क

पन्ना नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित है । यह केन नदी के केचमेंट एरिया में स्थित है । इसी के पास केन घड़ियाल सेंचुरी भी है । इसे 1994 में 22 वां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था । तथा 2007 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस अर्थात सबसे सुव्यवस्थित नेशनल पार्क का पुरस्कार दिया गया ।

वन्य जीव- बंगाल टाइगर, इंडियन लियोपर्ड, चीतल, चिंकारा, नीलगाय, सांभर हिरण, स्लॉथबियर, एशियाई किवेट ।

बहने वाली नदी- केन नदी

7. संजय नेशनल पार्क

संजय नेशनल पार्क या गुरु घासीदास नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के सिंधी और सिंगरौली जिलों में स्थित है । तथा इसकी सीमा छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले तक विस्तृत है । इसकी स्थापना 1981 में की गई थी तथा इसका क्षेत्रफल 467 वर्ग किलोमीटर है । यह संजय धुबरी टाइगर रिजर्व का भाग है । यह टाइगर रिजर्व संजय नेशनल पार्क और धुबरी वन्यजीव अभयारण्य से मिलकर बना है।

वन्य जीव- यहां पर बंगाल टाइगर, तेंदुआ, हिरण सांभर, वाइल्ड बोर, नीलगाय, चिंकारा, किवेट ।

बहने वाली नदी- उमरिया, कोडमार

विशेष- यह टाइगर रिजर्व भी है ।

8. सतपुड़ा नेशनल पार्क

यह नेशनल पार्क मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित है ( पूर्व नाम होशंगाबाद) । इसका नाम सतपुड़ा रेंज के नाम पर पड़ा है । यह मध्य भारत के पठारी क्षेत्र का भाग है । सतपुड़ा नेशनल पार्क, बोरी वन्यजीव अभयारण्य तथा पंचमणि वन्यजीव अभयारण्य तीनों सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का भाग है ।

वन्य जीव- तेंदुआ, सांभर,चीतल, बारहसिंघा, वाइल्डबोअर, भालू, ब्लैकबक, लोमड़ी, उड़ने वाली गिलहरी, माउस डीयर , इंडियन गेन्ट स्क्वेरल आदि ।

बहने वाली नदी– डेनवा

9. वनविहार नेशनल पार्क

वन विहार नेशनल पार्क मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल शहर में स्थित है । जिसे 1979 में नेशनल पार्क घोषित किया गया था । इसका क्षेत्रफल 4.45 वर्ग किलोमीटर है । नेशनल पार्क होने के बावजूद इसका विकास और प्रबंधन एक आधुनिक जूलॉजिकल पार्क के रूप में किया जाता है जो कि केंद्रीय जू अथॉरिटी के नियमों का अनुपालन करता है।

वन्य जीव- शाकाहारी और मांसाहारी जीव यहां पर रखे जाते हैं , जहां मांसाहारी जीवों को पिजड़े में रखा जाता है तथा शाकाहारी जीव खुले में विचरण करते हैं ।

मांसाहारी- बंगाल टाइगर, एशियाई शेर, जंगली बिल्ली, भेड़िया, स्लॉथबियर , लाल लोमड़ी,  इंडियन जैकाल,  जंगली कुत्ते, मोंगूज, हायना, मगर, घड़ियाल, अजगर आदि ।

शाकाहारी- चीतल, सांभर, ब्लैकबक, नीलगाय, बारहसिंघा, वाइल्ड, बोर, रीसस बंदर, लंगूर आदि ।

10. कुनो नेशनल पार्क

कुनो नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के शिवपुर और मुरैना जिलों में स्थित है । इसे पूर्व में कुनो पालपुर वन्यजीव अभयारण्य के रूप में जाना जाता था तथा इसे 2018 में नेशनल पार्क का दर्जा दे दिया गया । वन्यजीव अभयारण्य के रूप में इसकी स्थापना 1981 में की गई थी ।

वन्य जीव- तेंदुआ, जंगली बिल्ली,स्लॉथबियर, ढोल (जंगली कुत्ता), भारतीय भेड़िया, गोल्डन, जैकाल, हायना, बंगाल फॉक्स, चीतल, सांभर, नीलगाय, बारहसिंघा, चिंकारा, ब्लैकबक, जंगली सूअर आदि ।

विशेष- मध्य प्रदेश का हाल ही में घोषित नेशनल पार्क ।

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