मध्य प्रदेश की नई स्टार्टअप नीति | mp startup policy 2022 in hindi

आज का दौर उद्यमिता और स्टार्टअप्स का है । हर दिन अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में नए-नए उत्पादों के साथ स्टार्टअप्स का निर्माण हो रहा है । पेटीएम, ओला, नायका, ओयो आदि इसके कुछ उदाहरण है । 2014 तक भारत में 300 से 400 स्टार्टअप थे, वही आज स्टार्टअप्स की संख्या 70000 पहुंच गई है। आज भारत विश्व का तीसरा बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम है।

भारत के बड़े-बड़े स्टार्टअप्स की कहानी बड़े शहरों के साथ ही छोटे-छोटे शहरों में ही लिखी जा रही है । भारत सरकार 2015 में अपनी स्टार्टअप पॉलिसी लेकर आई जिसे स्टार्टअप इंडिया नाम दिया गया। स्टार्टअप इंडिया पहल का उद्देश्य नए उद्यमियों के लिए बेहतर ईकोसिस्टम तैयार करना था। केंद्र के बाद राज्यों ने भी अपने स्तर पर स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप नीतियां तैयार की । अपने स्टार्टअप्स की बदौलत ही आज भारत एक आयातक देश की बजाए निर्यातक देश बनने की ओर अग्रसर है । वहीं स्टार्टअप्स और उद्यमिता से देशभर में फैली गंभीर बेरोजगारी की समस्या का भी समाधान तेजी से संभव हो सकेगा।

इस लेख के माध्यम से आपको मध्य प्रदेश की नई स्टार्टअप नीति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त होगी ।लेख के माध्यम से स्टार्टअप नीति के तहत विभिन्न आवेदन करने, स्टार्टअपको प्रदान की जाने वाली सहायता, इनक्यूबेशन सेंटर्स, स्टार्टअप सेंटर्स आदि की जानकारी, सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न छूटें, स्टार्टअप पोर्टल आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदानकी जाएगी।

मध्य प्रदेश की नई स्टार्टअप नीति | new startup policy of Madhya Pradesh

मध्यप्रदेश ने सर्वप्रथम 2016 में अपनी स्टार्टअप नीति जारी की थी । उसके बाद 2019 में संसोधित नई स्टार्टअप नीति जारी की गई, तत्पश्चात बदलती हुई परिस्थितियों के मद्देनजर 2022 में पुनः नई स्टार्टअप नीति जारी की गई है इस नीति का नाम एमपी स्टार्टअप कार्यान्वयन योजना 2022 है।यह नई स्टार्टअप पॉलिसी अगले 5 वर्षों के लिए बनाई गई है जिसका उद्देश्य और विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

mp startup policy 2022 in hindi

एमपी स्टार्टअप कार्यान्वयन योजना 2022 की विशेषताएं

  1. पॉजिटिव इंटरवेंशन के माध्यम से राज्य में स्टार्टअप इकोसिस्टम का निर्माण करना ।
  2. भारत सरकार के स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स में 100% ग्रोथ प्राप्त करना।
  3. प्रोडक्ट स्पेसिफिक स्टार्टअप्स की संख्या में बढ़ोतरी करना।
  4. कृषि और खाद्य क्षेत्र के स्टार्टअप्स में 200% की ग्रोथ प्राप्त करना।
  5. स्टार्टअप्स के नए incubation centres स्थापित करना और मौजूदा सेंटरों की क्षमता विस्तार करना।
  6. राज्य में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों कॉलेजों में मैं विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करना।
  7. आल इंडिया स्टार्टअप रैंकिंग में मध्य प्रदेश राज्य को शीर्ष रैंक पर पहुंचाना।

स्टार्टअप नीति का फोकस | focus area of new startup policy 2022

यह स्टार्टअप नीति अपने लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु 5 डाइमेंशंन पर फोकस्ड है-

  1. इज ऑफ डूइंग बिजनेस हेतु संस्थागत सपोर्ट/सरकारी सहायता ।
  2. प्रोडक्ट आधारित स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना।
  3. इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना ।
  4. मार्केटिंग में सहयोग करना ।
  5. फाइनेंसियल और नॉनफाइनेंसियल सपोर्ट प्रदान करना।

स्टार्टअप्स को सहयोग/ सहायता

किसी भी स्टार्टअप के तेजी से विकास के लिए संस्थागत ( कानूनी बैंकिंग सरकारी नियामक आदि) , फाइनेंसियल, वाणिज्यिक पहलू बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन सभी पहलुओं पर व्यापार को आसान बनाना ही स्टार्टअप सहयोग है ।

  • मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम संस्थागत सहयोग हेतु स्टार्टअप सेंटर बनाएगा जिससे स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा नए स्टार्टअपस को स्थानीय बाजारों, आयोजनों, कार्यशालाओं में विशेष अवसर प्रदान किए जाएंगे।
  • स्टार्टअप सहयोग के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया जाएगा । यह पोर्टल स्टार्टअप, इन्वेस्टर्स, इनक्यूबेटरस के लिए वन स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करेगा।
  • स्टार्टअपस को राज्य और देश भर में तकनीकी व प्रबंध विद्यालयों से आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी उत्पादों की टेस्टिंग, अनुसंधान, विकास आदि हेतु सहयोग प्रदान किया जाएगा।
  • इज ऑफ डूइंग बिजनेस हेतु आवश्यक इकोसिस्टम तैयार किया जाएगा।

मध्य प्रदेश में स्टार्टअप्स के सहयोग / सहायता के लिए आवेदन करें – Application form for Assistance for Start-ups 

मध्य प्रदेश में इंकुबेशन सेंटर से स्टार्टअप सहयोग प्राप्त करने के लिए आवेदन करें- Application form for Assistance for Incubation centres 

स्टार्टअप सेंटर के कार्य- startup centre in MP

  • आवश्यक सहायता के तीव्र प्राप्ति हेतु विभागों में समन्वय स्थापित करना।
  • शिकायतों का तीव्र निपटान ।
  • स्टार्टअप इकोसिस्टम की समय-समय पर समीक्षा कर सरकार को सुझाव देना ।
  • मध्य प्रदेश को स्टार्टअप और इनोवेशन हब बनाना ।
  • मेंटरशिप सहयोग ।
  • एंजेल निवेशकों और एंजेल फंडिंग एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय व्यवस्था करने में मदद करना।
  • मास्टर डाटा बेस तैयार करना।
  • यह सेंटर स्टार्टअप्स के लिए सिंगल विंडो के रूप में कार्य करेगा।

नई स्टार्टअप नीति से मध्य प्रदेश को क्या लाभ होगा ?

  • स्टार्टअप्स अर्थव्यवस्था की नई रीड़ बन सकते हैं, अर्थात अर्थव्यवस्था के चालक के रूप में कार्य करेंगे ।
  • राज्य की जीडीपी में वृद्धि होगी ।
  • बडे स्तर के रोजगार के अवसर पैदा होंगे ।
  • राज्य की निर्यात क्षमता बढ़ेगी । आयतों में कमी आएगी ।
  • लोगों की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी ।
  • छोटे शहर भी स्टार्टअप हब के रूप में विकसित होंगे ।
  • सप्लाई चेन विकसित होंगी । जिससे छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के किसानों और लघु उद्योगों को भी व्यापक लाभ होगा।

नई स्टार्टअप नीति और चुनौतियां

  • छात्रों और सामान्य लोगों के बीच स्टार्टअप और उद्यमिता के बारे में जागरूकता में कमी ।
  • बहुस्तरीय जटिल नियमों और कानूनों की व्यवस्था ।
  • भूमि, बिजली, लोन आदि की स्वीकृति में लगने वाला अत्यधिक समय ।
  • ब्यूरोक्रेटिक भ्रष्टाचार के कारण व्यवहारिक स्तर पर होने वाली परेशानियां।
  • खराब इंफ्रास्ट्रक्चर ।
  • सप्लाई चेन का मजबूत न होना ।
  • लोगों में उद्यमिता के प्रति आत्मविश्वास की कमी ।

मध्यप्रदेश में स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर| incubation centre in MP

स्टार्टअप्स को सहयोग और समर्थन करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 30 से ज्यादा स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर खोले गए हैं । कोई भी नया स्टार्टअप यहां पर जाकर स्टार्टअप से संबंधित जानकारी, सहयोग और सुविधाएं प्राप्त कर सकता हैं । मध्यप्रदेश में मौजूद स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर की जानकारी नीचे दिए गए लिंक से प्राप्त की जा सकती है-

मध्यप्रदेश में मौजूद स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर

मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर जैसे इंदौर , भोपाल आदि भविष्य में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में बड़े केन्द्रों के रूप में उभर सकते हैं । इस दिशा में उपरोक्त स्टार्टअप नीति एक मील का पत्थर साबित हो सकती है ।

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