सत्य, अहिंसा तथा सत्याग्रह के लिए 20 वीं सदी के महान लोगो में विश्व भर में गाँधी जी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में 1857 की क्रांति , उससे पूर्व तथा बाद में अनेक क्रांतिकारियों का योगदान रहा। जिसमें नरमपंथी तथा गरमपंथी दोनों नेताओ ने बढ़ चढ़कर योगदान दिया। गांधीजी की स्वीकार्यता नरमपंथी तथा गरमपंथी दोनों वर्ग के क्रांतिकारियों में थी।
महात्मा गाँधी के आगमन के समय भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में राजनीतिक शून्य की स्थिति उत्पन्न हो चुकी थी। कांग्रेस का उदारवादी कार्यक्रम जनता में अपना विश्वास खो चुका था , तथा उग्रवादी जनांदोलन लाने में विफल रहे थे। ऐसे समय में अहिंसा, सत्याग्रह, असहयोग तथा रचनात्मक कार्यों के माध्यम से गाँधीजी ने भारतीय राजनीती तथा राष्ट्रीय आंदोलन को नयी दिशा प्रदान की।
Essay in hindi on mahatma gandhi –
पूरा नाम | मोहनदास करमचंद गांधी |
जन्म | 2 अक्टूबर 1869 |
मृत्यु | 30 जनवरी 1948 |
माता | पुतलीबाई गांधी |
पिता | करमचंद गांधी |
पत्नी | कस्तूरबा गांधी |
बच्चे | हरिलाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी और देवदास गांधी |
राजनीतिक आंदोलन | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के माध्यम से |
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महात्मा गांधी के अनमोल विचार | quotes of mahatma gandhi
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महात्मा गांधी के लिए दिए गए उद्धरण | quotes for mahatma gandhi
महात्मा गाँधी का प्रारंभिक जीवन (Early life of Mahatma Gandhi)-
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के काठियावाड़ में पोरबंदर नमक स्थान में मध्यवर्गीय वैष्णव परिवार में हुआ था। उनके पिता करमचंद गाँधी तथा माता पुतलीबाई थीं । उनके पिता काठियावाड़ के दीवान थे । 13 वर्ष की आयु में महात्मा गांधी का विवाह कस्तूरबा गाँधी से कर दिया गया । उस समय वह हाई स्कूल में पढ़ रहे थे ।
1888 में वे वकालत की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए और 1891 में अपनी पढ़ाई पूरी करके भारत लौट आये । दो साल तक भारत में रहने के दौरान उन्होंने राजकोट और बम्बई में वकालत की। 24 वर्ष की उम्र में 1893 ई में गुजरती व्यापारी दादा अब्दुल्ला एंड कंपनी का मुकद्दमा लड़ने दक्षिण अफ्रीका (डरबन ) गए ।
दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गाँधी (mahatma gandhi in south africa)-
इंग्लैंड से बैरिस्टरी पास करने के बाद वे 1893 के दौरान महात्मा गाँधी गुजरात के एक व्यापारी दादा अब्दुल्ला का मुक़दम्मा लड़ने दक्षिण अफ्रीका गए । उन्हें वहां नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा, एक बार यात्रा करते समय उन्हें प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर निकाल दिया गया क्योंकि यह गोरे लोगों के लिए आरक्षित था । किसी भी भारतीय या काले लोगों को वहां जाने की अनुमति नहीं थी । वहां उन्होंने नस्लीय भेदभाव के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया ।
उन्होंने आगे देखा कि उनके साथी भारतीयों के खिलाफ इस प्रकार की घटनाएं आम थीं, उन्हें अपमानजनक रूप से कुली कहा जाता था । 22 मई, 1894 को उन्होंने नेटाल भारतीय कांग्रेस की स्थापना की और दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों में सुधार के लिए कड़ी मेहनत की और वे वहां भारतीयों के नेता बन गए । गाँधीजी लगभग 20 वर्षों तक दक्षिण अफ्रीका में रहे । उन्होंने अहिंसक पद्धति का उपयोग करते हुए अन्याय और नस्लीय भेदभाव का विरोध किया ।
महात्मा गांधी भारत कब लौटे (when mahatma gandhi returned from south africa)-
1915 में गांधीजी स्थायी रूप से भारत लौट आए और गोपाल कृष्ण गोखले को अपना राजनीतिक गुरु माना। गोखले ने उन्हें यह सुझाव दिया कि भारत के विभिन्न मुद्दों पर किसी प्रकार का वक्तव्य देने से पूर्व पूरे भारत की यात्रा करें एवं भारतीय परिस्थितियों को समझें। 1915-16 में गांधी ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया तथा भारतीय समाज को समझने का प्रयास किया ।
महात्मा गाँधी के सिद्धांत-
- सर्वोदय -सब का विकास (जॉन रस्किन की अन्टू दि लास्ट से प्रेरित )
- सत्याग्रह -एक नैतिक शक्ति , सत्य को मानकर किसी वस्तु के लिए आग्रह करना।
- उपवास और हड़ताल
- शत्रु को पराजित करना नहीं बल्कि हृदय परिवर्तन करके अपने अनुकूल बनाना।
- राज्यविहीन समाज की स्थापना करना।
- राजनैतिक अस्त्र- निष्क्रिय प्रतिरोध।
राष्ट्रीय आंदोलन और महात्मा गांधी– | essay of mahatma gandhi in hindi
महात्मा गाँधी के प्रमुख आंदोलन (Major Movements of Mahatma Gandhi)-
1) महात्मा गांधी का चंपारण सत्याग्रह 1917-
बागान मालिकों द्वारा चम्पारण में एक अनुबंध करा लिया गया। जिसके अंतर्गत किसानो को अपनी भूमि के 3/20 वें भाग पर नील की खेती करना अनिवार्य था। यह व्यवस्था तीन कठिया पद्धति के नाम से जानी जाती थी। अनन्यायपूर्ण तीनकठिया पद्धति के विरोध में गांधीजी जी ने किसानो का साथ दिया। अंततः एक आयोग बनाया गया और समझौते के तहत बागान मालिक अवैध वसूली का 25% हिस्सा किसानो को लौटने पर राजी हो गए। इसके एक दसक के भीतर ही बागान मालिकों ने चम्पारण छोड़ दिया। इस प्रकार भारत में गांधीजी का पहला ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन ‘ सफल हो गया।
2) अहमदाबाद मिल हड़ताल (1918)-
चम्पारण के बाद गांधीजी ने अहमदाबाद मिल हड़ताल के मुद्दे पर हस्तक्षेप किया। वह मिल मालिकों और मजदूरों के बीच ‘प्लग बोनस ‘ को लेकर विवाद छिड़ा था। गांधीजी ने मजदूरों को 35% बोनस की मांग करने और हड़ताल पर जाने की सलाह दी। गांधी जी ने मजदूरों के समर्थन में भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया। मजबूर होकर मिल मालिक समझौता करने को राजी हो गए तथा मामला ट्रिब्यूनल को सौंप दिया गया। ट्रिब्यूनल ने मजदूरों के पक्ष में फैसला दिया। गांघीजी की यह दूसरी विजय थी।
3)खेड़ा सत्याग्रह (1918)-प्रथम असहयोग-
वर्ष 1918 के भीषण अकाल के कारण गुजरात के खेड़ा जिले में फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी, फिर भी सरकार ने किसानों से मालगुजारी वसूल करने की प्रकिर्या जारी राखी। जो राजस्व नियमो के बिलकुल बिपरीत था , किसानो का कर माफ़ किया जाना चाहिए था। किन्तु सरकार ने इससे बिलकुल इंकार कर दिया। गांधीजी ने किसानो को राजस्व अदा न करने और सरकार के दमनकारी कानून के खिलाफ संघर्ष करने की सलाह दी। अंततः काफी संघर्ष के बाद सरकार ने आदेश दिया की लगान उनसे ही वसूल किया जाय जो दे सकते हैं। इस आदेश से गांधीजी का उद्देश्य पूरा हो गया और आंदोलन समाप्त हो गया।
4) रोलेट सत्याग्रह 1919-
1919 में गाँधी ने रोलेट एक्ट के मुद्दे पर एक अखिल भारतीय आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया। रॉलैट अधिनियम एक कला कानून था। जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता था। इसका नारा था – कोई वकील नहीं कोई दलील नहीं , कोई अपील नहीं। आंदोलन के लिए एक अखिल भारतीय सत्याग्रह समिति का गठन किया गया। 6 अप्रैल 1919 को रोलेट सत्याग्रह प्रारम्भ हुआ। पंजाब में यह आंदोलन उग्र और हिंसक हो गया और फिर 13 अप्रैल 1919 को जलियांवालाबाग हत्याकांड हुआ। अतः गाँधी ने 19 अप्रैल 1919 सत्याग्रह आंदोलन वापस ले लिया।
5) डांडी मार्च (12 मार्च 1930) और सविनय अवज्ञा आंदोलन (6 अप्रैल 1930)-
नमक कानून के विरोध में गांधीजी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से अपने 78 समर्थकों के साथ डांडी के लिए पद यात्रा प्रारम्भ की जो २४ दिनों में 6 अप्रैल को डांडी पहुंची गांघीजी ने समुद्र तट पर नमक बनाकर कानून तोडा। इसके बाद नमक कानून तोड़ने का सत्याग्रह पूरे देश में फैल गया। तमिलनाडु में सी.राजगोपालाचारी ने , मालाबार में के. कलप्पन ने तथा अन्य सत्याग्रहियों ने अपने अपने क्षेत्र में नमक कानून तोडा।
6) भारत छोड़ो आंदोलन 1942-
क्रिप्स मिशन के वापस लौटने के पश्चात गाँधीजी ने अखिल भारतीय आन्दोलन का प्रस्ताव तैयार किया। कांग्रेस कार्यसमिति ने वर्धा की अपनी बैठक में संघर्ष के गांधीवादी प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी । कांग्रेस कमिटी की 8 अगस्त की बैठक बम्बई के ग्वालिया टैंक मैदान में हुई , जिसमे अंग्रेजो भारत छोड़ो का प्रस्ताव पास किया गया। गांधीजी जी ने सबको एक मंत्र दिया “करो या मरो ” या तो हम भारत को आज़ाद करेंगे या इस प्रयास में अपनी जान दे देंगे; अपनी गुलामी का स्थायित्व देखने के लिए हम जीवित नहीं रहेंगे। 8 अगस्त को प्रारम्भ होने के कारण इस आंदोलन को अगस्त क्रांति भी कहा जाता है।
निष्कर्ष | essay on mahatma gandhi in hindi
महात्मा गांधी का जीवन अपने आप में एक किताब है । जिसके हर पेज पर विभिन्न शिक्षाएं और जीवन दर्शन अंकित हैं । इसमें भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का इतिहास है, भारतीयता की समझ है, भारत के भविष्य का सुखद स्वप्न है, इसमें जनमानस की चेतना से उनका जुड़ाव झलकता है । यही कारण है कि आज भी भारत के कोने-कोने में महात्मा गांधी को एक प्रेरणा के रूप में स्वीकार किया जाता है । पूरा भारत उनसे बड़ी आसानी से जुड़ जाता है।
महात्मा गांधी और चरखा | speciality of weaving machine made by Gandhiji in Hindi
भारतीय अर्थव्यवस्था ग्रामीण समाज और किसानों की स्थिति को ठीक करने के लिए गांधीजी ने चरखे का प्रचार प्रसार किया उन्होंने उस समय मौजूद चरके में आवश्यक बदलाव किए और उसे अधिक उपयोगी बनाया किसानों महिलाओं और बुनकरों ने उनके चरखी को बहुत पसंद किया किसान और महिलाएं भी खाली समय में चरखी में सूट काटने लगे।
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FAQ-
1. महात्मा गांधी के ऊपर निबंध कैसे लिखें ?
महात्मा गांधी के ऊपर निबंध लिखने के लिए सबसे पहले रूपरेखा तैयार करें फिर बिंदुवार उस पर लिखें –
1)-प्रस्तावना 2)-जीवन परिचय 3)-शिक्षा 4)-गांधी जी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा 5)-भारत वापसी 6)-भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान 7)-गांधी जी के प्रमुख आंदोलन 8)-गांधी जी के सिद्धांत 9)-उपसंहार।
2. सरल शब्दों में महात्मा गांधी कौन थे ?
महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के सबसे चर्चित नेता थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इंग्लैंड से अपनी शिक्षा पूरी करने के पश्चात उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले वहां के अश्वेत लोगों का समर्थन करते हुए समाजवादी सरकार के विरुद्ध संघर्ष किया 1915 में भारत वापसी के बाद भारत की आजादी तक भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की
3. मैं महात्मा गांधी के बारे में कैसे लिख सकता हूं ?
महात्मा गांधी के बारे में लिखने के लिए सबसे पहले उनकी जीवनी को (ऊपर लिखे हमारे लेख/निबंध से पढें) उसमें से अपनी आवश्यकता अनुसार महत्वपूर्ण बिंदुओं का चयन करें और लिखें ।
4. महात्मा गांधी का नारा क्या है ?
करो या मरो।
8 अगस्त 1942 को मुंबई के ग्वालियर टैंक मैदान में गांधीजी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करते हुए करो या मरो का नारा दिया
5. महात्मा गांधी के कितने बच्चे हैं ?
गांधीजी के चार बेटे हैं– हरीलाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी और देवदास गांधी
6. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी का क्या योगदान है ?
गांधीजी ने 1915 में भारत आने के बाद, 1919 से आजादी तक भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई । राष्ट्रीय आंदोलन में उनका योगदान है-
सत्याग्रह, भूख हड़ताल, अहिंसा, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन ।
7. महात्मा गांधी किन के विचारों से ही बेहद प्रभावित थे
लियो टालस्टाय, रस्किन , बुद्ध , सुकरात , गोपाल कृष्ण गोखले
👍👍👍👍👍
મહાતમા ગાંધી યુગ પુરુષ …મહાત્મા નામ
આપ્યુ કવિવર રવિનદટાગોરે….રાષ્ટ પિતા..સુભાષચંદ્ર બોસે…….હહઆલ્બર્ટ આઈનસ્ટાઇન…ભવિષ્ય મા ભગવાન તરીકે પુજા …..વિચારો મા મતભેદ હોય મતભેદ નહી….
Congress Party na neta..
1Lokmanya Tilak 2 Gokhle 3 subhash Chandra 4 Mahatma Gandhi5 Sardar Vallabhbhai Patel 6 Rajendra Prasad
7 Radha Krishna 8Lal Bahadur Shastri 9 Morarji Desai…etc…
They All are Great Leader
SirfNaheru Indira Soniya Rahul ki Congress NAHI Hai